हर बहन का सपना होता है कि वो अपने बच्चों, परिवार और खुद के लिए कुछ अच्छा कर सके। लेकिन जब घर की ज़िम्मेदारियाँ बढ़ती हैं और आर्थिक सहारा कम हो, तो सपनों को सहेजना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अगर सरकार खुद एक परिवार के सदस्य की तरह साथ खड़ी हो जाए, तो उम्मीदों को नई उड़ान मिलती है।
मध्य प्रदेश की लाड़ली बहना योजना अब सिर्फ एक योजना नहीं रही, बल्कि करोड़ों महिलाओं के जीवन की धड़कन बन चुकी है। और अब इस योजना में एक नई रौशनी जुड़ गई है – रक्षाबंधन और दिवाली जैसे पावन त्योहारों से ठीक पहले बहनों को ऐसा तोहफा मिल रहा है, जो न सिर्फ जेब को सहारा देगा बल्कि दिल को भी सुकून देगा।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हाल ही में ऐलान किया कि अब लाड़ली बहना योजना के तहत मिलने वाली मासिक सहायता को ₹1250 से बढ़ाकर ₹1500 कर दिया गया है, और यह बदलाव दिवाली 2025 से लागू होगा। यह रकम धीरे-धीरे बढ़ाकर 2028 तक ₹3000 प्रति माह तक की जाएगी। यानी हर बहन को अब ज्यादा आत्मनिर्भरता और सम्मान मिलेगा।
इसकी शुरुआत सिर्फ दिवाली से नहीं, बल्कि रक्षाबंधन से ही हो जाएगी, जब जुलाई की किस्त में हर बहन को ₹250 का बोनस शगुन भी दिया जाएगा। यह सिर्फ एक राशि नहीं, एक भावना है – भाईचारे और बहन के सम्मान की।
आज इस योजना से 1.27 करोड़ से अधिक बहनें जुड़ी हुई हैं और सरकार हर महीने लगभग ₹1,861 करोड़ का बजट खर्च कर रही है। यह आंकड़ा सालाना ₹22,000 करोड़ तक पहुंच गया है। लेकिन इस खर्च से जो सबसे अनमोल चीज मिल रही है, वो है बहनों के चेहरे की मुस्कान, आत्मनिर्भरता की चमक और भविष्य की सुरक्षा।
वर्तमान में योजना में नए पंजीकरण पर रोक लगी है, लेकिन पहले से पंजीकृत बहनें इसका लाभ पूरी तरह से उठा रही हैं। सीधे खाते में पैसे ट्रांसफर हो रहे हैं और हर बहन को सरकार से मिलने वाला यह सहारा एक बड़ी राहत बन चुका है।
लाड़ली बहना योजना अब सिर्फ सरकारी योजना नहीं रही, बल्कि एक सामाजिक बदलाव का नाम बन चुकी है – एक ऐसा बदलाव जो कहता है कि “अब बहनें सिर्फ राखी बांधने वाली नहीं, बल्कि अपने सपनों को साकार करने वाली हैं।”
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी और जनजागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। योजना की पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और लेटेस्ट अपडेट के लिए कृपया मध्य प्रदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या पोर्टल पर जाएं।
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