भारत-पाकिस्तान तनाव में नया मोड़ आया है, जहां भारत ने पाकिस्तान के साथ सभी तरह के व्यापार और आयात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। यह कदम पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद उठाया गया है, जिसमें 27 लोगों की जान गई थी। भारत ने न केवल डायरेक्ट इंपोर्ट बल्कि थर्ड पार्टी कंपनियों के जरिए होने वाले इनडायरेक्ट ट्रेड पर भी रोक लगा दी है। इसके साथ ही, पाकिस्तान से आने वाली डाक और पार्सल सेवाओं को भी बंद कर दिया गया है। इस फैसले का मकसद राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर बड़ा प्रभाव डालना है। वहीं, पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अपनी बैलेस्टिक मिसाइल ‘अब्दाली’ का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है, जिसे भारत ने एक गंभीर उकसावे के रूप में देखा है।
भारत का यह व्यापार प्रतिबंध पाकिस्तान के लिए एक बड़ा आर्थिक झटका साबित होगा क्योंकि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही कमजोर है और वह भारत के साथ सीमित व्यापार पर निर्भर था। भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है, अटारी-वाघा बॉर्डर बंद कर दिया है, और पाकिस्तानी वीजा रद्द कर दिए हैं। इसके अलावा, पाकिस्तान के जहाजों को भारतीय बंदरगाहों पर प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है, जबकि भारत के जहाजों को भी पाकिस्तान के बंदरगाहों में जाने से रोका गया है। यह सारे कदम भारत की कड़ी प्रतिक्रिया का हिस्सा हैं, जो आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख को दर्शाते हैं।
पाकिस्तान ने मिसाइल परीक्षण के जरिए अपनी सैन्य ताकत दिखाने की कोशिश की है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की अग्नि और पृथ्वी मिसाइलें इससे कहीं अधिक ताकतवर हैं। भारत ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम को भी मजबूत किया है और नाइट लैंडिंग जैसी सैन्य तैयारियां की हैं, जो यह संकेत देती हैं कि भारत किसी भी संभावित खतरे का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अन्य वैश्विक संगठन दोनों देशों से तनाव कम करने की अपील कर रहे हैं, लेकिन फिलहाल दोनों देशों के बीच तनाव कम होने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं।
इस तनाव के बीच, पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी समर्थन नहीं मिल रहा है। मुस्लिम देशों के साथ उसके रिश्ते भी प्रभावित हुए हैं, जबकि भारत को अमेरिका सहित कई प्रमुख देशों का खुला समर्थन प्राप्त है। पाकिस्तान आर्थिक संकट में भी फंसा हुआ है और भारत की कार्रवाई से उसकी स्थिति और खराब होने की संभावना है। इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियां आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही हैं, जिससे पाकिस्तान के आतंकवादी नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है। भारत ने इस पूरे मामले में कूटनीतिक, आर्थिक और सैन्य स्तर पर पाकिस्तान को घेरने की रणनीति अपनाई है।
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अब तक कई कड़े और प्रभावशाली फैसले लिए हैं, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाते हैं।
- पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से सभी प्रकार के सीधे और अप्रत्यक्ष (direct और indirect) आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे पाकिस्तान के साथ व्यापार पूरी तरह बंद हो गया है।
- सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, जिससे पाकिस्तान को पानी की आपूर्ति पर बड़ा असर पड़ा है।
- भारत ने अटारी-वाघा बॉर्डर को बंद कर दिया है और पाकिस्तानियों के वीजा रद्द कर 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया है।
- पाकिस्तान के लिए भारतीय एयरस्पेस को 23 मई तक पूरी तरह बंद कर दिया गया है, जिससे पाकिस्तान की एयरलाइनों को लंबा और महंगा मार्ग अपनाना पड़ रहा है।
- सभी डाक और पार्सल सेवाओं को पाकिस्तान से भारत में आने और भारत से पाकिस्तान जाने दोनों तरफ से बंद कर दिया गया है।
- पाकिस्तानी जहाजों को भारतीय बंदरगाहों पर आने से रोक दिया गया है, साथ ही भारतीय जहाजों को पाकिस्तान के बंदरगाहों में प्रवेश की अनुमति नहीं है।
- भारत ने पाकिस्तान के प्रमुख YouTube चैनल और चार क्रिकेटरों के Instagram अकाउंट ब्लॉक कर दिए हैं, साथ ही भारतीय गानों पर पाकिस्तान में प्रतिबंध लगाया गया है।
- जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए 75 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है।
- भारतीय वायुसेना ने नाइट लैंडिंग जैसी सैन्य तैयारियां की हैं, जो संभावित हमलों के लिए तैयारी का संकेत हैं।
- भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक स्तर पर भी कड़े कदम उठाए हैं, जिसमें पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को सीमित करना शामिल है।
ये सभी फैसले भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति के तहत लिए गए हैं, जिनका उद्देश्य पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों और उससे जुड़े आर्थिक व सैन्य संसाधनों पर प्रभावी रोक लगाना है कुल मिलाकर, भारत-पाकिस्तान के बीच यह नया मोड़ दोनों देशों के रिश्तों में और अधिक तनाव पैदा करेगा। व्यापार बंदी, डाक-पार्सल सेवा रोक, मिसाइल परीक्षण, और कड़े सैन्य कदमों के कारण दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। आने वाले दिनों में इस स्थिति पर नजर बनाए रखना जरूरी होगा क्योंकि यह क्षेत्रीय सुरक्षा और शांति के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है।