Ganesh Chaturthi 2025: त्योहार हमारे जीवन में नई ऊर्जा और खुशियों का संचार करते हैं। गणेश चतुर्थी का पर्व ऐसा ही अवसर है जब घर घर में विघ्नहर्ता गणपति बप्पा का स्वागत किया जाता है। माना जाता है कि गणेश जी की कृपा से हर कठिनाई दूर होती है और जीवन में सफलता और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है। वर्ष 2025 में यह पर्व और भी खास होगा क्योंकि यह बुधवार 27 अगस्त को पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।
गणेश चतुर्थी 2025 का शुभ मुहूर्त
ज्योतिष शास्त्र में गणेश चतुर्थी की पूजा का सबसे उत्तम समय मध्याह्न माना गया है। वर्ष 2025 में पूजा का विशेष मुहूर्त सुबह 11 बजकर 05 मिनट से दोपहर 01 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। इस समय को गणेश जी का जन्मकाल माना जाता है और इस दौरान पूजा करने से विशेष पुण्य और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
घर की शुद्धि और वातावरण की तैयारी
गणेश चतुर्थी की शुरुआत हमेशा सफाई और शुद्धि से होती है। घर और पूजा स्थल को अच्छे से साफ करना चाहिए। गंगाजल का छिड़काव करने से घर का वातावरण पवित्र और सकारात्मक बनता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार इस दिन घर में टूटी फूटी वस्तुएं या बेकार सामान नहीं रखना चाहिए क्योंकि यह अशुभ माना जाता है।
गणेश प्रतिमा का चयन और स्थापना
गणेश जी की प्रतिमा हमेशा शास्त्रों और वास्तु नियमों के अनुसार स्थापित करनी चाहिए।
- मूर्ति दक्षिण पश्चिम दिशा में रखनी श्रेष्ठ मानी गई है।
- यदि यह संभव न हो तो मूर्ति पूर्व या उत्तर दिशा में भी रखी जा सकती है।
- मूर्ति का चेहरा घर के मुख्य द्वार की ओर होना चाहिए।
- प्रतिमा पीतल कांस्य या मिट्टी की होनी चाहिए।
- मूर्ति का आकार न बहुत बड़ा होना चाहिए और न बहुत छोटा बल्कि घर के अनुसार संतुलित होना चाहिए।
गणेश चतुर्थी पूजा विधि
पूजा विधि सरल और भावपूर्ण होती है।
- सबसे पहले दीपक और धूपबत्ती जलाकर गणपति बप्पा का ध्यान करें।
- इसके बाद मंत्र ॐ गं गणपतये नमः का जप करें।
- गणेश जी को मोदक लड्डू दूर्वा घास लाल फूल और सिंदूर अर्पित करें।
- गणेश चालीसा और गणपति आरती का पाठ करें।
- पूजा के बाद भगवान से आशीर्वाद मांगें और परिवार की सुख समृद्धि की कामना करें।
अर्पण और विसर्जन
घर में स्थापित प्रतिमा को अक्सर एक या तीन दिन तक पूजा जाता है और उसके बाद विसर्जन किया जाता है। पंडालों में प्रतिमा दस दिनों तक विराजमान रहती है और फिर धूमधाम से विसर्जन किया जाता है। विसर्जन से पहले गंगाजल का छिड़काव कर वातावरण को शुद्ध किया जाता है और भगवान से पुनः घर में आने का आशीर्वाद मांगा जाता है।
गणेश चतुर्थी 2025 की विशेष जानकारी
| विषय | जानकारी |
| पर्व का नाम | गणेश चतुर्थी |
| तारीख | 27 अगस्त 2025 बुधवार |
| पूजा का शुभ मुहूर्त | सुबह 11 बजकर 05 मिनट से दोपहर 01 बजकर 40 मिनट तक |
| गणेश प्रतिमा की दिशा | दक्षिण पश्चिम पूर्व या उत्तर |
| गणेश जी का प्रिय भोग | मोदक और लड्डू |
| प्रमुख मंत्र | ॐ गं गणपतये नमः |
| पूजा के लाभ | बाधा निवारण सकारात्मक ऊर्जा समृद्धि और नवग्रह दोषों से मुक्ति |
गणेश पूजा का महत्व और लाभ
गणेश चतुर्थी की पूजा का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से भी है। इस दिन की गई पूजा से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं। घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और परिवार में शांति बनी रहती है। माना जाता है कि गणेश जी की कृपा से नौकरी व्यापार और शिक्षा से जुड़ी कठिनाइयां समाप्त हो जाती हैं। साथ ही नवग्रह दोष और वास्तु दोष भी दूर हो जाते हैं।
निष्कर्ष
गणेश चतुर्थी 2025 का पर्व 27 अगस्त को मनाया जाएगा। यह दिन भगवान गणेश का आशीर्वाद पाने और जीवन को नई दिशा देने का उत्तम अवसर है। यदि इस दिन सही विधि और शुभ मुहूर्त में पूजा की जाए तो घर में सुख समृद्धि और सौभाग्य का आगमन होता है। विघ्नहर्ता गणपति बप्पा का स्मरण करने से हर कठिनाई दूर होती है और जीवन में नए अवसर प्राप्त होते हैं। यही कारण है कि गणेश चतुर्थी पूरे देश में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई जाती है।
अस्वीकरण
यह लेख केवल सामान्य धार्मिक और ज्योतिषीय जानकारी पर आधारित है। किसी भी प्रकार की विशेष पूजा या अनुष्ठान करने से पहले अपने परिवार या पंडित से सलाह अवश्य लें।
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