भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाया है, जिसने सबको चौंका दिया। 25 अप्रैल 2025 को भारत ने सिंधु जल समझौता तोड़ दिया और वाटर स्ट्राइक शुरू कर दी। यह फैसला पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लिया गया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। भारत का कहना है कि अब आतंकवाद बर्दाश्त नहीं होगा, और इस कदम से पाकिस्तान की जनता और अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ सकता है।
स्ट्राइक का असर और भारत का रुख
भारत का यह फैसला पानी को हथियार बनाकर पाकिस्तान को सबक सिखाने का है। सिंधु जल समझौते के तहत पाकिस्तान को सिंधु, झेलम, और चिनाब नदियों का 80% पानी मिलता था। अब भारत ने इस पानी की सप्लाई रोक दी। इसका असर क्या होगा? पाकिस्तान की 80% खेती इन नदियों पर निर्भर है। बिना पानी के खेत सूख जाएंगे। फसलें नष्ट होंगी। किसान बर्बाद हो जाएंगे। बड़े शहर जैसे कराची और लाहौर में पानी की कमी होगी। लोग एक-एक गिलास पानी के लिए तरसेंगे।
सिंधु बेसिन पर बने हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स से पाकिस्तान की बिजली बनती है। पानी रुकने से बिजली प्रोडक्शन ठप होगा। शहर अंधेरे में डूब जाएंगे। कारखाने बंद होंगे। नौकरियां खत्म होंगी। सब्जियों और अनाज की कीमतें आसमान छुएंगी। भुखमरी का खतरा बढ़ेगा। भारत ने अटारी-वाघा बॉर्डर भी बंद कर दिया। पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा कैंसिल कर दिए गए। उन्हें 48 घंटे में भारत छोड़ना होगा। पाकिस्तान के राजनयिकों को भी वापस भेजा जा रहा है। भारत ने साफ संदेश दिया कि वह आतंकवाद बर्दाश्त नहीं करेगा।
तुरंत असर नहीं, लेकिन भविष्य में संकट
क्या यह वाटर स्ट्राइक तुरंत पाकिस्तान को बर्बाद कर देगी? नहीं। पाकिस्तान के पास तारबेला और मंगल जैसे जलाशय हैं। भूजल और छोटी नहरें कुछ महीनों तक राहत दे सकती हैं। लेकिन लंबे समय में पानी की कमी बड़ा संकट लाएगी। भारत को बड़े बांध बनाने होंगे, जो अभी तैयार नहीं हैं। तब तक पानी पूरी तरह नहीं रुकेगा। लेकिन पाकिस्तानी जनता में डर और अनिश्चितता बढ़ेगी। वे भविष्य को लेकर चिंतित होंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत का यह कदम आतंकवाद के खिलाफ एक रणनीति है। लेकिन पाकिस्तान विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद मांग सकता है। वह मानवता की दुहाई देगा। भारत ने इन परिणामों को ध्यान में रखकर फैसला लिया है।
भारत पाकिस्तान सिंधु जल समझौता
सिंधु जल समझौता 1960 में पंडित नेहरू ने किया था। यह पाकिस्तान के लिए लाइफलाइन था। 1965, 1971 के युद्ध, 1993 के मुंबई हमले, 2001 के संसद हमले, 2008 के 26/11 हमले, 2016 के उरी और 2019 के पुलवामा हमले के बाद भी भारत ने इस समझौते को नहीं तोड़ा। लेकिन पहलगाम हमले ने भारत का सब्र तोड़ दिया। भारत ने कहा कि अब वह हमास जैसे हमले बर्दाश्त नहीं करेगा। जवाब इजराइल जैसा होगा। यह वाटर स्ट्राइक सर्जिकल स्ट्राइक से ज्यादा प्रभावी हो सकती है। यह विश्व को भारत की दृढ़ता का संदेश देगी। भारत चाहता है कि पाकिस्तान भविष्य में ऐसी हिमाकत करने से पहले सोचे। यह कदम उन लोगों को श्रद्धांजलि है, जो कश्मीर में मारे गए। भारत अब खून का युद्ध नहीं लड़ेगा, बल्कि पानी और प्यास से जवाब देगा।
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