आज गांव की बेटियां सिर्फ खेतों में काम नहीं कर रहीं, बल्कि अब वो आसमान में भी उड़ान भर रही हैं। केंद्र सरकार ने एक ऐसी अनोखी पहल की शुरुआत की है, जिसने ग्रामीण महिलाओं के आत्मविश्वास को नई ऊंचाई दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई “नमो दीदी ड्रोन योजना“ के ज़रिए अब महिलाएं भी तकनीक की कमान संभालेंगी और खेतों में ड्रोन उड़ाकर कमाई करेंगी।
यह योजना न केवल महिलाओं को सशक्त बना रही है, बल्कि उन्हें खेती के क्षेत्र में एक नई पहचान भी दिला रही है। तकनीक अब केवल शहरों तक सीमित नहीं रही, बल्कि गांव की चौपालों तक पहुंच रही है – और इसकी अगुवा बन रही हैं हमारी ड्रोन दीदियां।
तकनीक की कमान संभालेंगी गांव की बेटियां
नमो दीदी ड्रोन योजना का मकसद है कि ग्रामीण इलाकों की महिलाएं खेती में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करें और रोजगार के साथ-साथ आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाएं। इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को ड्रोन उड़ाने की ट्रेंनिंग दी जाएगी, जिसमें फसल पर कीटनाशक और खाद का छिड़काव, भूमि सर्वेक्षण, बीजों का छिड़काव और फसल की निगरानी जैसे कार्य सिखाए जाएंगे। यह ट्रेनिंग पूरी तरह सरकार द्वारा अनुमोदित संस्थानों से दी जाएगी, जिससे महिलाएं एक प्रमाणित ड्रोन ऑपरेटर बन सकें।
क्या है नमो दीदी ड्रोन योजना?
यह योजना ग्रामीण महिलाओं को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई है, जिसके तहत उन्हें ड्रोन ऑपरेशन, मेंटेनेंस और कृषि में इसके इस्तेमाल की ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद महिलाएं सरकारी या निजी क्षेत्र में काम कर सकती हैं या अपनी खुद की ड्रोन सेवा शुरू कर सकती हैं।
महिलाओं को मिलेगा 15 लाख तक का लाभ
इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को लगभग ₹15 लाख रुपये तक का लाभ मिल सकता है, जिसमें ट्रेनिंग, एक आधुनिक कृषि ड्रोन, मेंटेनेंस और रिपेयर ट्रेनिंग, तकनीकी मार्गदर्शन और ₹4 से ₹6 लाख तक की सब्सिडी शामिल है। इससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकेंगी और किसानों के लिए ड्रोन सेवा उपलब्ध करवाकर अच्छी आय कमा सकेंगी।
ट्रेनिंग के बाद बनेंगी ड्रोन सर्विस प्रोवाइडर
जैसे ही महिलाएं ट्रेनिंग पूरी करती हैं, उन्हें प्रमाणपत्र मिलता है और वे ड्रोन सर्विस प्रोवाइडर के रूप में काम शुरू कर सकती हैं। वे अपने क्षेत्र के किसानों को ड्रोन किराए पर देकर प्रति एकड़ 200-300 रुपये तक की कमाई कर सकती हैं। कई महिलाएं तो इस योजना के जरिए हर महीने ₹20,000 से ₹30,000 तक कमा रही हैं।
खेतों में उड़ता ड्रोन बनेगा किसानों का मददगार
ड्रोन टेक्नोलॉजी आज के दौर में खेती के लिए वरदान साबित हो रही है। इससे बीज, उर्वरक और कीटनाशक का छिड़काव कम समय और कम पानी में किया जा सकता है। एक एकड़ में हाथ से छिड़काव में जहां 80–90 लीटर पानी लगता है, वहीं ड्रोन से सिर्फ 10–12 लीटर पानी में ही पूरा काम हो जाता है। यह किसानों के लिए किफायती और समय बचाने वाला तरीका बन चुका है।
किन महिलाओं को मिलेगा योजना का लाभ?
इस योजना का लाभ 18 वर्ष से ऊपर की ग्रामीण महिलाएं ले सकती हैं जिन्होंने कम से कम 10वीं तक पढ़ाई की हो। प्राथमिकता उन महिलाओं को दी जाएगी जो सेल्फ हेल्प ग्रुप्स (SHGs) से जुड़ी हों। जिन महिलाओं की आय सीमित है और जो तकनीकी प्रशिक्षण लेने की इच्छुक हैं, उनके लिए यह योजना सुनहरा अवसर है।
आवेदन प्रक्रिया और पात्रता की जानकारी
सरकार जल्द ही इस योजना के लिए ऑनलाइन पोर्टल और ब्लॉक स्तर पर आवेदन प्रक्रिया शुरू करेगी। इच्छुक महिलाएं अपने नजदीकी SHG लीडर, कृषि विभाग, या ब्लॉक ऑफिस से संपर्क कर आवेदन की जानकारी प्राप्त कर सकती हैं। आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण और शैक्षणिक प्रमाणपत्र होंगे।
खेती में क्रांति लाएगी ड्रोन दीदी योजना
नमो दीदी ड्रोन योजना से गांवों की महिलाओं को सिर्फ रोजगार नहीं मिल रहा, बल्कि वे पूरे समाज में प्रेरणा का स्रोत बन रही हैं। ये महिलाएं न सिर्फ अपनी कमाई कर रही हैं, बल्कि अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने की राह दिखा रही हैं। यह योजना खेती और महिलाओं दोनों के लिए क्रांतिकारी बदलाव का जरिया बन सकती है।
निष्कर्ष: महिलाएं बन रही हैं तकनीक की अगली ताकत
अब वक्त आ गया है जब महिलाएं सिर्फ घर की चारदीवारी तक सीमित न रहकर आसमान की ऊंचाइयों को भी छूएं। नमो दीदी ड्रोन योजना से गांव की महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं और तकनीक को अपनाकर देश के किसानों की बड़ी मददगार साबित हो रही हैं। अगर आप भी इस योजना के बारे में जानना या इसका लाभ लेना चाहती हैं, तो अभी से इसकी तैयारी शुरू करें।
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📌 अस्वीकरण (Disclaimer):
यह लेख सरकार की घोषित योजनाओं, समाचार स्रोतों और उपलब्ध आधिकारिक विवरणों पर आधारित है। योजना से जुड़ी अधिक जानकारी और पात्रता के लिए संबंधित सरकारी वेबसाइट या विभाग से संपर्क अवश्य करें।
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