हर मां-बाप का सपना होता है कि उनकी बेटी पढ़-लिखकर कुछ बड़ा करे, अपने पैरों पर खड़ी हो और दुनिया में नाम कमाए। लेकिन देश के कई हिस्सों में आज भी बेटियां संसाधनों की कमी, जानकारी के अभाव और सही मार्गदर्शन न मिलने की वजह से पीछे रह जाती हैं। ऐसे में भारत सरकार की एक नई पहल ‘नव्या योजना’ 10वीं पास किशोरी लड़कियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
‘विकसित भारत 2047’ विजन के तहत शुरू हुई नव्या योजना
‘नव्या – युवा किशोरियों के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण के माध्यम से आकांक्षाओं का पोषण’ नामक यह योजना, प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत 2047’ के विजन और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के उद्देश्य से शुरू की गई है। यह पहल खास तौर पर 16 से 18 वर्ष की उन बेटियों के लिए लाई गई है जो 10वीं पास हैं और अपने जीवन में कुछ अलग और बड़ा करना चाहती हैं।
गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में मिलेगा व्यावसायिक प्रशिक्षण
इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में लड़कियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर उन्हें सशक्त बनाएगी। यानी अब लड़कियां सिर्फ सीमित करियर ऑप्शन तक ही नहीं, बल्कि नये क्षेत्रों में भी अपनी पहचान बना सकेंगी – जैसे टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल, मशीनरी, डिज़ाइनिंग, इलेक्ट्रीशियन, प्लंबिंग, इत्यादि।
योजना की शुरुआत और इसे लागू करने वाले मंत्रालय
इस योजना को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MWCD) और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) ने मिलकर शुरू किया है। इसका शुभारंभ उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले से किया गया, जहां इसे जयंत चौधरी (राज्य मंत्री, कौशल विकास) और सावित्री ठाकुर (राज्य मंत्री, महिला एवं बाल विकास) ने संयुक्त रूप से लॉन्च किया।
फिलहाल 27 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू
‘नव्या योजना’ को फिलहाल देश के 27 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जा रहा है, जिनमें आकांक्षी जिलों के साथ उत्तर-पूर्व के राज्य भी शामिल हैं। यह 19 राज्यों में फैला एक बड़ा कदम है, जिसका उद्देश्य है – अंडरसर्व्ड क्षेत्रों की बेटियों को भी आगे बढ़ने का पूरा मौका देना।
सिर्फ स्किल नहीं, मिलेगा सरकारी प्रमाण पत्र और आत्मविश्वास
इस योजना के अंतर्गत बेटियों को सिर्फ स्किल डेवलपमेंट ही नहीं, बल्कि PMKVY (प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना) और PM विश्वकर्मा जैसी प्रमुख योजनाओं का प्रमाण पत्र भी मिलेगा, जो उनके करियर के लिए बहुत फायदेमंद होगा। इसके साथ-साथ प्रशिक्षण के दौरान बेटियों के आत्मविश्वास, संवाद कौशल और व्यवहारिक समझ को भी बढ़ाया जाएगा ताकि वे सिर्फ नौकरी की तलाश में न रहें, बल्कि नौकरी देने वाली बन सकें।
हर बेटी की उड़ान अब होगी और ऊँची
भारत सरकार की यह पहल सिर्फ एक योजना नहीं है, बल्कि यह एक संदेश है – कि हर बेटी की उड़ान उतनी ही ऊँची हो सकती है, जितना ऊँचा वो सपना देख सकती है। अब वक्त आ गया है कि गांव-देहात, कस्बों और शहरों की हर लड़की अपने सपनों को जी सके और आत्मनिर्भर भारत की सशक्त नायिका बन सके।
Disclaimer: यह लेख भारत सरकार द्वारा घोषित ‘नव्या योजना’ की मीडिया रिपोर्ट्स और सरकारी विज्ञप्तियों पर आधारित है। योजना से जुड़ी सटीक जानकारी और पात्रता शर्तों के लिए संबंधित सरकारी विभाग या आधिकारिक वेबसाइट से संपर्क करना उचित रहेगा।
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