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Operation Sindoor: पाकिस्तान पर भारत की सबसे घातक और भावनात्मक स्ट्राइक!

Poster of Operation Sindoor with tagline 'This time it was not just revenge... it was the honor of sindoor
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7 मई 2025 की सुबह भारतीय इतिहास में एक निर्णायक मोड़ लेकर आई। भारत ने Operation Sindoor के तहत पाकिस्तान के भीतर नौ आतंकवादी ठिकानों पर ऐसा हमला किया जिसने न केवल सैन्य स्तर पर पाकिस्तान को झकझोर दिया, बल्कि एक गहरा भावनात्मक संदेश भी दुनिया को दिया। यह ऑपरेशन उन तमाम महिलाओं को श्रद्धांजलि था, जिनके सुहाग आतंकवाद की भेंट चढ़े।

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कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया नरसंहार में जब आतंकवादियों ने हिंदू समुदाय को उनकी पहचान के आधार पर चुन-चुन कर मारा, उसी दिन भारत ने इस हमले का माकूल जवाब देने का मन बना लिया था। ऑपरेशन सिंदूर का नाम ही यह दर्शाता है कि यह केवल एक सैन्य कार्यवाही नहीं, बल्कि उन आंसुओं और दर्द का प्रतिकार है जो आतंकवादियों ने भारतीय महिलाओं को दिए।

भारतीय वायुसेना के मिराज 2000, सुखोई 30 और स्वदेशी तेजस फाइटर जेट्स ने डीआरडीओ द्वारा निर्मित ब्रह्मोस मिसाइल, पिनाका रॉकेट और स्वदेशी ड्रोन के साथ मिलकर पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर में मौजूद आतंकवादी अड्डों को निशाना बनाया। इन ठिकानों में रावलपिंडी, बहावलपुर, मीरपुर, कराची के बाहरी इलाके और बलूचिस्तान जैसे इलाके शामिल थे — जहां लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अन्य आतंकी संगठनों के ट्रेनिंग और लॉजिस्टिक्स सेंटर थे।

भारत की इस कार्रवाई को लेकर खास बात यह रही कि इसने पाकिस्तान की सेना या आम नागरिकों को निशाना नहीं बनाया। यह पूरी तरह से रणनीतिक और सटीक हमला था, जिसमें केवल आतंकवादियों और उनके ठिकानों को तबाह किया गया। यही रणनीतिक परिपक्वता भारत की नई सैन्य नीति को दर्शाती है — “पहला हमला नहीं करेंगे, लेकिन बर्दाश्त भी नहीं करेंगे।”

ऑपरेशन से पहले भारत ने मॉक ड्रिल का सहारा लेकर पाकिस्तान को भ्रम में डाला। 6 मई को 244 क्षेत्रों में मॉक अभ्यास की घोषणा कर भारत ने पाकिस्तान को यह सोचने पर मजबूर किया कि यह केवल एक अभ्यास है। जबकि असल में यह एक मास्टरस्ट्रोक था, जो ऑपरेशन सिंदूर की तैयारी का हिस्सा था।

पाकिस्तान अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने पीड़ित बनने की कोशिश कर रहा है, यह दावा करते हुए कि भारत ने आम नागरिकों को निशाना बनाया। लेकिन भारत के पास सेटेलाइट इमेज, सिग्नल इंटेलिजेंस और ह्यूमन इंटेलिजेंस के पुख्ता सबूत हैं जो दर्शाते हैं कि हमला केवल आतंकवादी ठिकानों पर किया गया था।

इस ऑपरेशन का मनोवैज्ञानिक प्रभाव पाकिस्तान पर गहरा पड़ा है। डर, भ्रम और अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच पाकिस्तान अब दो राहों पर खड़ा है — या तो आतंकवाद का साथ छोड़कर शांति का रास्ता अपनाए, या फिर भारत के अगले प्रहार के लिए तैयार रहे।

ऑपरेशन सिंदूर भारत की ताकत, संवेदनशीलता और संकल्प का प्रतीक बन गया है। यह सिर्फ एक सैन्य जीत नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और नैतिक संदेश है — कि जब भारत की माताएं और बहनें रोती हैं, तो भारत जवाब देना जानता है।

जय हिंद।

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vijay

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