अगर आप कॉलेज स्टूडेंट हैं या भविष्य में विदेश जाकर पढ़ाई करने का सपना देख रहे हैं, तो UGC (University Grants Commission) की नई गाइडलाइन आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकती है। हाल ही में UGC ने Regulation 2025 के तहत एक बड़ा बदलाव किया है, जिससे अब विदेशी यूनिवर्सिटी की डिग्री भारत में रहकर ही प्राप्त की जा सकेगी। आइए जानते हैं इस नियम के बारे में विस्तार से।
क्या है UGC Regulation 2025?
UGC ने “Recognition and Grant of Equivalence to Qualifications by Foreign Higher Educational Institutions Regulations, 2025” नाम से नया रेगुलेशन जारी किया है। इसके तहत अब विदेशी शिक्षण संस्थान भारत में शैक्षणिक डिग्री देने की अनुमति पा सकते हैं।
नए नियमों के मुख्य बिंदु
- विदेशी यूनिवर्सिटी की डिग्री अब भारत में
अब भारत में पढ़ाई करके भी स्टूडेंट्स विदेशी यूनिवर्सिटी की डिग्री हासिल कर सकेंगे। - स्थायी समिति का गठन
विदेशी संस्थानों की गुणवत्ता, रैंकिंग और मानकों का आकलन एक विशेष कमेटी करेगी। - ऑनलाइन पोर्टल से प्रमाणपत्र की सुविधा
स्टूडेंट्स एक ऑनलाइन पोर्टल के ज़रिए प्रमाणपत्र के लिए आवेदन कर सकेंगे। - कोर्स की गुणवत्ता का ध्यान
सिलेबस, रिसर्च, इंटर्नशिप और क्रेडिट सिस्टम को भी सख्ती से लागू किया जाएगा। - अनाधिकृत संस्थान बाहर
जो संस्थान तय नियमों का पालन नहीं करेंगे, उन्हें अनुमति नहीं मिलेगी।
स्टूडेंट्स को क्या फायदा होगा
- अब विदेश जाकर पढ़ने की ज़रूरत नहीं।
- मिडिल क्लास स्टूडेंट्स के लिए फॉरेन डिग्री किफायती और सुलभ होगी।
- अंतरराष्ट्रीय मानक की पढ़ाई अब देश में ही।
- समय और पैसे की बचत।
किन कोर्स पर लागू नहीं होंगे ये नियम
यह रेगुलेशन मेडिकल, फार्मेसी, नर्सिंग, लॉ, आर्किटेक्चर और भारत के कानून से जुड़े पाठ्यक्रमों पर लागू नहीं होगा।
सरकार का उद्देश्य क्या है
सरकार का लक्ष्य भारत को शिक्षा का एक वैश्विक केंद्र बनाना है। इससे स्टूडेंट्स को क्वालिटी एजुकेशन मिल सकेगी और विदेशों पर निर्भरता कम होगी।
बोनस अपडेट – पीएम इंटर्नशिप योजना
अगर आप ग्रेजुएशन कर रहे हैं या कॉलेज स्टूडेंट हैं, तो सरकार की PM इंटर्नशिप योजना में भी भाग ले सकते हैं।
- ₹5000/महीना स्टाइपेंड
- ₹6000 की एकमुश्त राशि
- बड़ी कंपनियों में इंटर्नशिप
- आवेदन की अंतिम तिथि: 15 अप्रैल
निष्कर्ष
UGC का यह नया नियम भारतीय शिक्षा प्रणाली के लिए एक बड़ा और क्रांतिकारी कदम है। इससे स्टूडेंट्स को विदेश की तरह शिक्षा भारत में ही मिल पाएगी और वह भी अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप।
अगर आपके मन में इस नियम से जुड़ा कोई सवाल है, तो नीचे कमेंट करें और इस जानकारी को अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करें।