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क्या 2000 रुपये का UPI पेमेंट पर 18% GST लगेगा, जानें सच और एक्स्ट्रा चार्ज का बड़ा खुलासा

UPI payment with PhonePe, Paytm, Google Pay on mobile screen - Will GST apply on UPI transactions?
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क्या 2000 रुपये का UPI पेमेंट अब महंगा होने वाला है? यह सवाल भारत के लाखों UPI यूजर्स के मन में है। हाल ही में सोशल मीडिया पर 2000 रुपये से अधिक के ट्रांजेक्शंस पर 18% GST और एक्स्ट्रा चार्ज लगने की अफवाहें जोर पकड़ रही थीं। लेकिन राहत की बात यह है कि 18 अप्रैल 2025 को वित्त मंत्रालय और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBIC) ने इसे पूरी तरह खारिज कर दिया है। अभी तक कोई आधिकारिक तारीख या योजना नहीं है, और यह चर्चा मुख्य रूप से वित्त मंत्रालय की वेबसाइट और सोशल मीडिया पर गर्म है। सरकार का कहना है कि डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए UPI को मुफ्त रखने की नीति जारी रहेगी। फिर भी, भविष्य में बदलाव की संभावना को नजरअंदाज न करें और आधिकारिक अपडेट्स के लिए तैयार रहें।

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पिछले कुछ हफ्तों में सोशल मीडिया पर यह दावा वायरल हुआ कि 2000 रुपये से ज्यादा के UPI ट्रांजेक्शंस पर 18% GST लगेगा, जो यूजर्स के लिए बड़ा झटका हो सकता है। लेकिन वित्त मंत्रालय ने इसे “झूठा और भ्रामक” बताया है। इसकी शुरुआत 54वीं जीएसटी परिषद की बैठक (सितंबर 2024) से हुई, जहां मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) और प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स पर 1.1% शुल्क के साथ 18% GST की समीक्षा फिटमेंट कमेटी को सौंपी गई। हालांकि, यह शुल्क मर्चेंट्स पर लागू हो सकता है, न कि सीधे ग्राहकों पर। P2P (पर्सन-टू-पर्सन) ट्रांजेक्शंस, जैसे दोस्तों या परिवार को पैसे भेजना, इससे अछूते रह सकते हैं।

वर्तमान में, UPI को डिजिटल इंडिया मिशन के तहत मुफ्त रखा गया है, और सरकार इस नीति पर कायम है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भविष्य में MDR लागू होता है, तो उस पर GST का बोझ मर्चेंट्स से ग्राहकों तक जा सकता है। उदाहरण के लिए, 2000 रुपये के पेमेंट पर 1% MDR यानी 20 रुपये शुल्क और उस पर 18% GST से लगभग 3.6 रुपये अतिरिक्त पड़ सकता है। लेकिन यह अभी सिर्फ अनुमान है, और कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। यूजर्स को सलाह दी जाती है कि वे upi.gov.in या pib.gov.in जैसे विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी हासिल करें।

अफवाहों से बचने के लिए अपने UPI ऐप्स (जैसे PhonePe, Google Pay, Paytm) को अपडेट रखें और नोटिफिकेशन चालू करें। अगर कोई नया शुल्क लागू होता है, तो बैंक या पेमेंट प्लेटफॉर्म आपको सूचित करेंगे। अभी UPI बड़े ट्रांजेक्शंस के लिए सुरक्षित और मुफ्त है, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं। भविष्य में अगर बदलाव होता है, तो सरकार इसे ट्रायल बेसिस पर कुछ मर्चेंट्स के लिए लागू कर सकती है। इस बीच, अपनी ट्रांजेक्शन हिस्ट्री नियमित रूप से चेक करें और फर्जी मैसेज से सावधान रहें।

UPI भारत में डिजिटल पेमेंट का मजबूत आधार बन चुका है। 2024 तक, हर महीने 13 बिलियन से अधिक ट्रांजेक्शंस हो रहे हैं, और 2025 में यह संख्या और बढ़ने की उम्मीद है। सरकार का लक्ष्य कैशलेस इकोनॉमी को मजबूत करना है, इसलिए UPI को मुफ्त रखना प्राथमिकता है। हालांकि, वैश्विक स्तर पर डिजिटल पेमेंट पर छोटे शुल्क आम हैं, जैसे यूरोप में कार्ड पेमेंट पर 0.3% से 2% तक चार्ज। भारत में, अगर MDR वापस आता है, तो यह 0.5% से 1% के बीच हो सकता है, जिस पर GST जोड़ा जा सकता है। लेकिन अभी यह केवल चर्चा का विषय है। यूजर्स के लिए राहत की बात यह है कि सरकार उपभोक्ताओं पर बोझ कम करने की कोशिश कर रही है। अगली GST परिषद की बैठक (जून 2025) में इस पर और चर्चा होगी। तो, अपने वॉलेट को तैयार रखें, लेकिन अभी चिंता छोड़ दें।

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vijay

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